डी.टी.एन
5 जनवरी, झज्जर
67वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतने वाले प्रतीक ने न केवल अपने गांव कबलाना बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। प्रतीक के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन से गांववासियों में हर्ष और गर्व की लहर दौड़ गई है।
प्रतियोगिता के दौरान प्रतीक ने अपनी सटीक निशानेबाजी का शानदार प्रदर्शन किया और 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में सिल्वर मेडल हासिल किया। उनकी इस उपलब्धि ने नेशनल लेवल पर उनकी प्रतिभा को साबित किया और उन्हें एक प्रेरणा स्रोत बना दिया।
गांव में भव्य स्वागत समारोह:
प्रतीक जब अपने गांव कबलाना पहुंचे तो उनका स्वागत एक नायक की तरह किया गया। ग्रामीणों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया और पूरे गांव में ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकाला। युवा, बुजुर्ग, महिलाएं, और बच्चे सभी उनकी एक झलक पाने के लिए उत्साहित नजर आए। ग्रामीणों ने अपने हीरो को कंधों पर उठा लिया और भारत माता की जय के नारे लगाए।
गांव के मुख्य बस स्टैंड से लेकर घर तक एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जहां प्रतीक को सम्मानित किया गया। गांव की पंचायत सहित गांव की 36 बिरादरी ने प्रतीक को स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट कर उन्हें बधाई दी। समारोह में ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटी और आतिशबाजी भी की।इस दौरान कोच पंकज सैनी व मोहित गौड का भी स्वागत किया गया।
प्रतीक का संघर्ष और सफलता की कहानी:
प्रतीक ने अपनी इस सफलता के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण किया है। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके पिता एक किसान हैं और उनके परिवार ने हमेशा उन्हें हर संभव सहयोग दिया। प्रतीक ने अपने कोच और परिवार को अपनी इस सफलता का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि उनका सपना ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है और इसके लिए वह लगातार मेहनत करते रहेंगे।
गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा:
प्रतीक की सफलता ने गांव के युवाओं को प्रेरित किया है। अब गांव के बच्चे भी शूटिंग और अन्य खेलों में रुचि लेने लगे हैं। प्रतीक ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अगर सही दिशा और मेहनत हो तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
कबलाना गांव का यह लाल न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का गौरव बन गया है। गांव वासियों ने प्रतीक की इस उपलब्धि को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया और उनकी सफलता को भविष्य के लिए शुभ संकेत बताया। इस मौके पर गांव के सबसे बड़े बुजुर्ग देवी पहलवान, सरपंच प्रतिनिधि हरसे, हवासिंह मास्टर, पूर्व सरपंच प्रवीन, संजीत कबलाना, राजसिंह, नसीब, ढील्लू पंडित, देवेन्द्र, डॉ सुनील, परिवार सहित समस्त ग्रामीण मौजूद रहे।