डीसी श्याम लाल पूनिया ने गांव सिवाना में किया पौधरोपण
– डीसी ने युवा शक्ति को किया पुनीत अभियान में भागीदार बनने के लिए प्रेरित
संजीत खन्ना
झज्जर, 29 जुलाई
डीसी श्याम लाल पूनिया ने कहा कि जल शक्ति अभियान के तहत कैच दा रेन थीम पर फोकस रखते हुए जहां जल संचयन में सभी को आगे बढऩा है वहीं अधिक से अधिक पौधरोपण करते हुए पर्यावरण व जल प्रहरी की भूमिका युवा शक्ति को निभानी है। सकारात्मक दृष्टिïकोण के साथ ही सुखद वातावरण की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। डीसी पूनिया बेरी उपमंडल के गांव सिवाना के राजकीय विद्यालय प्रांगण में पौधरोपण करने उपरांत युवा शक्ति से रूबरू हो रहे थे। डीसी ने गांव सिवाना सहित बेरी लघु सचिवालय परिसर में भी एएसपी विक्रांत भूषण व एसडीएम बेरी रविंद्र कुमार के साथ पौधरोपण करते हुए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
डीसी श्याम लाल पूनिया ने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में बढ़ते प्रदूषण तथा हाल ही में कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की महत्ता का ज्ञान हमें प्रत्यक्ष रूप से हुआ, ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण व ऑक्सीजन आपूर्ति हेतु एक सोच के साथ झज्जर जिला में ऑक्सजीन बाग लगाने की पहल की गई। गांव खरहर से झज्जर जिला में ऑक्सीजन बाग प्रोजेक्ट को शुरू किया गया और निरंतर प्रयास करते हुए प्रारंभिक चरण में 9 गांवों में ऑक्सीजन बाग लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई जिसमें सिवाना गांव को भी शामिल किया गया है। डीसी ने कहा कि बरसात के मौसम में जल शक्ति अभियान के तहत कैच दा रेन थीम के अनुरूप वर्षा जल संचय पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि वर्षा के जल का सदुपयोग जहां भी हो जब भी वर्षा हो उसका संचयन करें। इतना ही नहीं अधिक से अधिक पौधरोपण करते हुए पर्यावरण संरक्षण में भी सभी को अपना योगदान देना बेहद जरूरी है। अधिक पेड़ पौधे ऑक्सीजन जनक के रूप में सहयोगी रहेंगे और स्वच्छ वातावरण भी बनेगा। उन्होंने ग्रामीणों को सार्वजनिक स्थलों पर पौधे लगाने का आह्वïान करते हुए पया्रवरण सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेवारी निभाने को प्रोत्साहित किया।
एसडीएम बेरी रविंद्र कुमार ने कहा कि बेरी उपमंडल में ग्रामीणों के सहयोग से प्रदूषण नियंत्रण व पया्रवरण संरक्षण की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। ग्रामीणों को अधिक से अधिक पौधरोपण करने के लिए जागरूक किया जा रहा है तथा जल शक्ति अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से वर्षा जल संचय करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।