डीसी द्वारा बाईक पर किए गए दौरे के बाद भी नही हुई नालो की सफाई, जिसकी बदौलत डूब गया झज्जर

झज्जर, दो टूक न्यूज
अब पछताए क्या होत जब चिडियां चुग जाए खेत, ये कहावत जिला प्रशासन झज्जर पर बिल्कुल पूरी तरह स्टीक बैठती है। मानसून की पहली बारिश ने जिला प्रशासन की पोल खेालकर रख दी है। ऐसा नही कि जिला प्रशासन को पहली बारिश में ही शहर पानी-पानी होने का अंदेशा नही था। लगातार शहर के लोगो यहां तक पत्रकारों ने भी कई बार अवगत कराया था, लेकिन अफसोस प्रशासन के आला अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नही लिया। हां इतना जरूर था, जिला उपायुक्त महोदय एक बार बाईक पर सवार होकर डे्न के साथ-साथ शहर का भी दौरा किया था, लेकिन वह दौरा केवल अखबारो की हेडलाईन्स तक स्मित था। क्योंकि डीसी साहब के दौरे के बाद शहर के नालों में गंदगी ज्यों की त्यों बनी थी। नालो की सफाई न होने की बदौलत आज झज्जर शहर पूरी तरह डूब गया। जिसका खामियाजा खुद अधिकारियों को भी उठाना पडा। पानी निकासी न होने की वजह से अधिकारियों की कालोनी भी पानी-पानी हो गई।

बारिश में ही शहर के नालो की गंदगी दौबारा देखने पहुंचे डीसी साहब

बारिश के बाद शहर पूरी तरह से पानी-पानी हो गया था, बारिश के बीच ही जिला उपायुक्त महोदय शहर का मुआयान करने पहुंचे। इस दौरान नालों में वही गंदगी भरी हुई थी जो डीसी साहब पहले दौरे में देखकर आए थे। नालों में गंदगी भरी होने के कारण  पानी निकासी नही हो पा रही, जिसकी  वजह से पानी नालों में जाने की बजाए सडक़ो पर ही जमा हो गया और देखते ही देखते पानी लोगो के  घरों में भी भरने लगा। हालांकि डीसी साहब ने मौके पर जाकर विभागिय अधिकारियों को पानी निकासी न होने की वजह से जमकर लताड भी लगाई साथ ही भविष्य के लिए सख्त आदेश भी दिए।

बोले शहर के लोग, पहले हीे नाले साफ कर दिए जाते तो दौबारा ना देखनी पडती गंदगी

पानी निकासी न होने से घरों व गलियों में भरे पानी से परेशान लोगो में शामिल भूषण सलुजा, अशोक गेरा, बरूण, राकेश, नीरज, अंकित सोनी सहित तमाम लोगो का कहना था कि डीसी साहब के पहले दौरे के बाद ही अगर नालो की सफाई कर दी जाती तो आज बारिश के दौरान ही डीसी साहब को नालों में भरी गंदगी को दौबारा ना देखना पडती। खैर देर आए दुरस्त आए, उम्मीद है कि मानसून की पहली बारिश से सबक लेकर इन नालो की सफाई कराई जाएगी ताकि शहर फिर से तालाब में तब्दील ना हो।